Holi 2024: छत्तीसगढ़ के हर्बल गुलाल की मांग ब्रज और मथुरा में
घासीदास यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फूलों और सब्जियों से बनाया; इस बार 5 क्विंटल गुलाल बेचने की तैयारी है
बिलासपुर, Holi 2024: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बने हर्बल गुलाल की मांग अब उत्तर प्रदेश के मथुरा, ब्रज के साथ-साथ दिल्ली और पश्चिम बंगाल में भी है। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रूलर टेक्नोलॉजी के छात्र देवी-देवताओं को चढ़ाए गए बेकार फूलों और पालक जैसी पौष्टिक सब्जियों से गुलाल बना रहे हैं, जो त्वचा के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है। इस बार होली में यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 5 क्विंटल का दान किया।
स्वस्थ भारत के सपनों को पूरा करने बिलासपुर के 10 कालेजों के स्टूडेंट इन दिनों जुटे हुए हैं
खास तरह के गुलाल बनाकर होली के लिए तैयार कर रहे हैं। यह गुलाल पूरी तरह से हर्बल है। जो चेहरे और सेहत के लिए बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के मार्गदर्शन में पीएनएस महाविद्यालय में बकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दो दिनी प्रशिक्षण के प्रथम दिवस शनिवार को बेटियों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। पीएनएस की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी मोना केंवट ने बताया कि हर साल होली आते ही बाजार में बड़े पैमाने पर रसायनिक गुलाल बिकने लगता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह काफी नुकसान दायक है। चेहरा सहित शरीर के स्कीन को खराब कर देता है।
इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाने के साथ युवाओं को नौ और 10 मार्च को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. मनोज सिन्हा का विशेष सहयोग मिला है। कई महाविद्यालय के छात्र शामिल- इसमें पीएनएस सहित शासकीय ई-राघवेंद्र राव पीजी विज्ञान महाविद्यालय, शासकीय जेपी वर्मा कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, शासकीय बिलासा कन्या पीजी महाविद्यालय, डीपी विप्र पीजी, ला और शिक्षा महाविद्यालय एवं मस्तुरी-सीपत के कालेज के स्टूडेंट शामिल हैं। जिन्हें पालक, चुकंदर, गेंदा व अन्य फूलों से रंग-बिरंगे गुलाल बनाने की विधि बताया जा रहा है। बेसन व आरारोट का इस्तेमाल कर सुगंध के लिए प्राकृतिक इत्र का भी प्रयोग किया जा रहा है। प्रशिक्षण सुबह 10 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 12 बजे तक आयोजित है। प्रशिक्षित स्टूडेंट अपने घर व आसपास के लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे, ताकि समाज में लोग रासायनिक रंग व गुलाल के उपयोग से बच सकेंगे।